


अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से मानसून के आगे बढ़ने का सिलसिला बना हुआ है। इसी क्रम में मंगलवार को इंदौर, देवास सहित 15 अन्य शहरों में भी मानसून ने दस्तक दे दी। बादल बने रहने और अलग-अलग स्थानों पर वर्षा होने के कारण अब अधिकतम तापमान में भी गिरावट हो गई है। मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रतलाम, मंडला एवं जबलपुर में पांच, छिंदवाड़ा में तीन, धार एवं टीकमगढ़ में एक, सतना में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।
48 घंटों में प्रदेश के कुछ और हिस्सों देगा दस्तक
मंगलवार को दक्षिण-पश्चिमी मानसून आलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, हरदा, उत्तरी खंडवा, बैतूल, नर्मदापुरम (पचमढ़ी), छिंदवाड़ा, पांर्ढुना, सिवनी, बालाघाट, मंडला एवं डिंडौरी में भी पहुंच गया है। सोमवार को मानसून ने बड़वानी, खरगोन, दक्षिणी खंडवा एवं बुरहानपुर में आमद दर्ज कराई थी। अगले 48 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों में मानसून के पहुंचने की संभावना है। गुरुवार-शुक्रवार तक भोपाल में भी दस्तक दे सकता है। इस बीच प्रदेश के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा भी होगी।
गुजरात एवं उसके आसपास कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे संबद्ध ऊपरी हवा का चक्रवात दक्षिण दिशा की और झुका हुआ है। इस मौसम प्रणाली से एक द्रोणिका झारखंड तक बनी है, जो मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से होते हुए जा रही है। एक पश्चिमी विक्षोभ द्रोणिका के रूप में जम्मू के आसपास बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों के अलावा बंगाल की खाड़ी में भी कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस वजह से मानसून लगातार गतिमान बना हुआ है। चार-पांच दिन में मानसून पूरे प्रदेश को कवर कर सकता है।